बुझ गया एक और चिराग ,
भारत का था जो अनुराग ,
फ़ैल गयी संसार में शांति ,
न जाने कैसा छेड़ गया था वो राग
बिछड़ गई एक और महान शख्सियत ,
पर सदा बीच हमारे रहेगी आपकी रुहानियत ,
आप नहीं तो आपके शब्द हर वक़्त गुनगुनाते रहेंगे
इस देश को आपके "अटल" इरादे हर पल याद आते रहेंगे
आपके लेख , आपके विचार ,
आपका मार्गदर्शन हमेशा साथ रहेगा ,
इस मातृभूमि की रक्षा करने के लिए
आपका हमेशा आभार रहेगा
यूँ अगर बस में होती मौत की पहेली,
तो कभी मैं इसे उलझने न देता,
बदल देता हर परिणाम इसका,
इस कदर आपको जाने न देता
-Harshvardhan Sharma
Nice lines Bhai..
ReplyDeleteअटल श्रद्धाजलि नमन अटल को ।
ReplyDeleteशत शत नमन
ReplyDeleteBhut shi likh gye bhai ji.. ��
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