Thursday, 16 August 2018

"अटल भारत "

"अटल भारत "


बुझ गया एक और चिराग , 
भारत का था जो अनुराग ,
 फ़ैल गयी संसार में शांति ,
 न जाने कैसा छेड़ गया था वो राग 

बिछड़  गई एक और महान शख्सियत , 
पर सदा बीच हमारे रहेगी आपकी रुहानियत ,  
आप नहीं तो आपके शब्द हर वक़्त गुनगुनाते रहेंगे 
इस देश को आपके "अटल" इरादे हर पल याद आते रहेंगे

आपके लेख , आपके विचार ,
आपका मार्गदर्शन हमेशा साथ रहेगा ,
इस मातृभूमि की रक्षा करने के लिए 
आपका हमेशा आभार रहेगा 

यूँ अगर बस में होती मौत की पहेली,
 तो कभी मैं इसे उलझने न देता,
 बदल देता हर परिणाम इसका,
 इस कदर आपको जाने न देता 

-Harshvardhan Sharma




4 comments:

  1. Nice lines Bhai..

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  2. अटल श्रद्धाजलि नमन अटल को ।

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  3. Bhut shi likh gye bhai ji.. ��

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