माँ एक ऐसा शब्द जिसके असंख्य हैं मतलब,
माँ एक ऐसा परिचय जिस पर सभी करते हैं गौरतलब,
माँ इस जीवन का सबसे अनमोल गहना ,
माँ जिसको सभी ने पहचाना
दिल की कोमल , मन की निर्मल,
बिना माँ के हम सब अविचल,
माँ जननी है संसार की ,
ममता उसकी अपरम्पार सी
याद आता है आज भी वो बचपन,
जब जिद्द पर अड़े रहते थे हम ,
तब माँ का बेहला -फुसला कर मनाना,
प्यार से गले लगना ,
फिर लोरी गाकर सुलाना,
चुप-चाप अपने दर्द छुपाना
माँ की नहीं है कोई तुलना ,
माँ के समान नहीं कोई दूजा,
मंजिल दूर और सफ़र बहुत है,
छोटी सी जिंदगी की फिकर बहुत है मार ही डालती यह दुनिया कबकी हमें,
लेकिन माँ की दुआओं मे असर बहुत है\
याद आता है आज भी वो बचपन,
जब जिद्द पर अड़े रहते थे हम ,
तब माँ का बेहला -फुसला कर मनाना,
प्यार से गले लगना ,
फिर लोरी गाकर सुलाना,
चुप-चाप अपने दर्द छुपाना
माँ की नहीं है कोई तुलना ,
माँ के समान नहीं कोई दूजा,
मंजिल दूर और सफ़र बहुत है,
छोटी सी जिंदगी की फिकर बहुत है मार ही डालती यह दुनिया कबकी हमें,
लेकिन माँ की दुआओं मे असर बहुत है\
Bht khoob
ReplyDeleteKeep it up
Thanks
DeleteGood going....
ReplyDeleteOne of best poem 😇😊☺👍
Thanks @shubhangi
DeleteAchhi hai beta
ReplyDeletebhaii you are superb baba khush huaaa
ReplyDeleteWell bro..... Keep it up 👍
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