"धंधे "- मातरम
Redmi Note 5 (Black, 32 GB)
उठा है धुंआ आज शहर में,
आज कहीं न कहीं तो बुराई जली होगी
कोई ज़िन्दा ही लाश बना पड़ा है,
उसके सपनो को ही पर..
उसे कफ़न की ज़रूरत तो पड़ी होगी
बोला था नेताओं ने ये दीवार टूटेगी
पर किसी-न-किसी को बुनियाद हिलानी पड़ेगी
सिर्फ कीचड़ उछालना मेरा मकसद नही,
हर गली हर कस्बे से सबको अपनी लाशें उठानी तो पड़ेगी
जलता है कोई शहर तो जलने दो दोस्तों,
आग बुझाने के लिए किसी को तो मुहिम छेड़नी होगी
खेल ज़िन्दगी का शतरंज बना है,
खेलने के लिए किसी को तो चाल चलनी पड़ेगी
Kya bat kya bay kya bat.. dil khus
ReplyDeleteGjab mere bhai
ReplyDeleteGood job mere bhai 😊
ReplyDelete