कश्मीर का उदय
चलो आज छोटी सी पर मुस्कान,
तो लौटी होगी उदास चेहरों पर
हल्की सी ही सही पर
ठंडक तो पड़ी होगी शहीदों के घर पर
चलिए थोड़े अर्से बाद ही सही पर ,
अमन की शुरुआत तो हुई केसर की घाटी पर
फीका सा पड़ गया,
उन कमज़ोर पत्थरों का बल
अब आओ मैदान-ए-जंग में जाहिलों
शान से दिलाएँगे आजादी,
तुम्हें अब हर पल
बिलख उठा कश्मीर का देशप्रेमी नौजवान
जब,
सुपुर्द-ए-खाख होने चला,
"मेहबूब के आशिकों " का आशियाँ
फिर से घाटी-घाटी केसर लहरायेंगे
गली गली फिर बच्चों की आवाज़ गूजेंगी
धीरे-धीरे पर ख़त्म हो जायेगा डर का माहौल
चलो साथ मिलकर फिर से कश्मीर को भारत का मुकुट बांयेंगे
-Harshvardhan Sharma
Good
ReplyDeleteBHut khub bhaiiii.. Dil khus
ReplyDeleteVery nice .
ReplyDeleteNice efforts bhauu....
ReplyDeletevery nice
ReplyDeletejai hind
beautifullly explaine nice
ReplyDeletejai bharat
jaii bharat
ReplyDeletebaba bhaii kaa ashirwaad khub tarakki karo
Nice poem
ReplyDeleteBhaskar