Wednesday, 7 February 2018

आखरी मुलाक़ात

आखरी मुलाक़ात


जो पता होती मुझको ये बात
  कि आखरी है ये तुझसे मुलाक़ात
 तो मै रोक लेता तुझे...

जाने न देता तुझे ,
जो अभी हमारी बातें कुछ अधूरी थी,
 वो प्यारी सी मुलाक़ातें अभी अधूरी थी ,
वो छोटी सी हमारी कहानी अभी..
.. और बची थी..

टोक देता , डाँठ देता,
 बाँहों मे भर लेता तुझे,
 पर मै... रोक लेता तुझे

 अब कहाँ दिखेगी ये तेरी प्यारी हंसी
और कहाँ मिलेगी वो ख़ुशी

 अब जो तू चली गयी है
बस तेरी यादें रह गयी है
 क्यूंकि पीछे हरदम तेरी परछाई जो खड़ी है

 आँखों मे अब नींद भी नहीं है
क्यूंकि अब तू मेरे पास नहीं है...

अब तू मेरे पास नहीं है...


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