Tuesday, 12 March 2019

रख खुद पर यकीन

रख खुद पर यकीन



जब लड़ने का किया था फैसला ,
तभी हम जीत गए थे
बाधाओं को किया था पर ,
यूँ ही हम .... हम नहीं बने थे


मुस्कुरा कर चुनौतियों को गले लगाया,
क्यूंकि मुसीबत चारों ओर घीरी पड़ी थी
राहों में कांटे बिछे थे
फूलों की चादर खुद बिछानी पड़ी थी ,


खुद पर रखा था विश्वास
क्यूंकि होसले जो मेरे बुलंद थे ,
मंजिल दूर , पर सफर हसीं
फासला था , पर रास्ते बेचैन थे 


ख्वाहिशों के आकाश में
उमीदों की कतार लंबी थी
मुकाम हासिल करने की चाह में
मंज़िलें तो कबसे मुन्तज़िर बैठी थी


फैसला किया था खुद से
निभाना तो जरूरी था
चाहे मंजिल कितनी भी ऊपर हो
रास्ता तो उसका पैरों के नीचे ही आना था


रख खुद पर यकीं बन्दे
कष्ट देना दुनिया का दस्तूर है
हार जीत तो एक खेल है महज
समय पर सही चाल चलना तेरा वजूद है|

-Harshvardhan Sharma

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