बचपन
बीत गए वो सारे लम्हे ,
जब पीठ पर बस्ता हुआ करता था,
गुज़र गया वो पल जब ,
बचपन में लोगों का हमारे लिए प्यार भरा रहता था,
बदल गया सारा वक़्त जो तब हमारे लिए
बस खेलने के लिए बना था,
बदल गया सारा संसार हमारा ,
जब हमे प्यार के सिवा कुछ पता नहीं था
बचपन जिंदगी का अलग सा हिस्सा होता है ,
जहाँ दुनिया की कोई जिम्मेदारी नही ,
कोई परेशानी नही बस
हिफाजत करने वालों का संसार भरा होता है
बचपन में जब खिलोनो को दूर फेंका करता था,
आज मुझे वही खिलोने देख कर हँसते हैं
क्यूंकि उस वक़्त मुझे बड़े होने का शौक हुआ करता था
खत्म हो जाती है ये सारी कहानी ,
बचपन के उस दौर के साथ
जब आँखों की ख़ुशी धीरे-धीरे
आंसुओं में बदलना शुरू हो जाती है
-Harshvardhan Sharma
सभी के जीवन का एक अनमोल हिस्सा बचपन होता है जो बहुत सारी यादें को अपने साथ बांधे रखता है एक पल के लिए बचपन में जा कर इस कविता को लिखा है जो हम अपने जीवन में बड़े होकर महसूस करते हैं बस उसी को ध्यान में रख कर इस कविता को लिखा है कितने सुन्दर हुआ करते थे बचपन के वो दिन सिर्फ दो उंगलियां मिलाने से रिश्ते दोबारा शुरू हो जाया करते थे
बचपन में जहाँ चाहे हम हंस लेते थे हम रो लेते थे पर अब हर चीज़ को करने के लिए एक जगह ढूंढनी पड़ती है
अगर पसंद आयी आपको मेरी रचना कृप्या शेयर एवं अपने बहुमूल्य विचारों को अवश्य मेरे साथ साझा करें
True line bro...
ReplyDeleteThanku Bhai @rakeshsharma
ReplyDeleteVery good .keep it up .
ReplyDeleteThanks @geetasharma
DeleteHeart touching lines.......Very nice
ReplyDeleteThanks
DeleteVery nice bhai.
ReplyDeleteThanks@abhishek
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