Thursday, 20 July 2017

आत्मवृत

मेरी जिंदगी- मेरा नजरिया




मैं जिंदगी को यूँ शब्दों में,


बयां नहीं कर सकता,


बातें तो बहुत हैं पर ,


बता नहीं सकता



यूँ जो बताने लगा बातें,

तो राज सब खुल जायेंगे,

खुश हैं जो लोग आज मुझसे,

कल वो मुझसे रूठ जायेंगे

मेरी जिंदगी मैं ही जियूं,

जैसे चाहूं वैसे जियूं,

जो खुल कर जिंदगी हैं जीते,

प्रेरणा उनसे हम हैं लेते

जिंदगी तो है ये मेरी,

दिखा नहीं सकता

मैं जिंदगी को यूँ शब्दों में,

बयां नहीं कर सकता


                                                                -हर्षवर्धन शर्मा





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