बस इतना समझ लेना !!!
हवाओं में उड़ता परिंदा समझ लेना ,
या ऊँची- ऊँची लहरों की कोई छोटी सी बूँद
पसंद आया मेरा सफर तो,
मुझे रब का फरिस्ता समझ लेना
किसी पल मेरी याद सताए तो ,
मुझे तारों में कहीं ढूंढ लेना
फिर भी मुझसे बात करनी हो तो,
फ़िज़ाओं से मेरा पता पूछ लेना
अगर कहीं गलती रही तो,
मुझे नादान समझ कर माफ कर देना ,
ख़ुशी - ख़ुशी चला जाऊंगा उन यादों से ,
बस एक बार मुझे उन यादों में याद कर देना
-Harsh V. Sharma
इस जिंदगी में लोगों का हमारे साथ आना जानना लगा रहता है किसी से हमारे रिश्ते अच्छे होते हैं किसी से ख़राब बस उसी को ध्यान में रखते हुए सभी से मेरा निवेदन है प्यार भरा महल अपने आस पास बनाये रखे क्या पता कहाँ किसी की मदद की जरूरत पद जाये इसलिये सब से अच्छे से वयवहार करे और अपनी छवि को बनाये रखे
No comments:
Post a Comment